IPC Section 52 in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं भारतीय दंड सहिता यानी कि IPC का Section 52 के बारे में यहाँ हम जानेंगे कि आईपीसी धारा 52 क्या है, Section 52 of IPC in Hindi, धारा 52 भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 52, IPC Section 52 Explained in Hindi, धारा 52 का विवरण आदि के बारे में तो चलिए आज के लेख कि शुरुवात करते हैं.

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IPC Section 52 in Hindi | आईपीसी धारा 52 क्या है
IPC Section 52 में “good faith” यानी कि सदभावनापूर्वक या सद्भावना पूर्ण कार्य के बारे में बताया गया है जहां पे हम इंडियन पैनल कोड में बहुत सारे अपराध, बहुत सारे कृत्य के बारे में भी जानते हैं तो वहां पे उन सारे अपराध सारे कुकृत्य का जवाब के तौर पर यह सद्भावना पूर्वक कार्य को माना जा सकता है तो सद्भावना पूर्ण कार्य या सद्भाव पूर्ण कार्य क्या होता है इसे परिभाषित किया गया है
IPC Section 52 Explained in Hindi
आज हम सेक्शन 52 का के बारे में जानेंगे उसकी व्याख्या को समझेंगे और उसका विश्लेषण करेंगे गुड फेथ यानी कि सद्भावपूर्ण या सद्भावनापूर्ण कार्य क्या होते हैं तो एक तरफ जहां हमारे IPC में बहुत सारे अपराध कुकृत्य के बारे में बताया गया है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सद्भावपूर्ण यानी कि गुड फेथ में भी काम करते हैं और इसी से ये दुनिया चल रही है तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि धारा 52 में उसकी क्या व्याख्या की गई है फिर हम उसका विश्लेषण करेंगे और फिर एग्जांपल से उसको समझेंगे कि ये गुड फेथ के कार्य क्या होते हैं
तो हमारे भारतीय दण्ड संहिता के सेक्शन 52 में बताया गया है “Nothing is said to be done or believed in “good faith” which is done or believed without due care and attention.” तो इसमें जो है जो डेफिनेशन दिया गया है वो डेफिनेशन एक तरह से कहे तो थोड़ा नकारात्मक है नकारात्मक इसलिए है क्योंकि इसमें वो चीजें छांट दी है जो गुड फेथ में नहीं हो सकते
जैसे कोई भी कार्य जिसमें पूरा ध्यान ना दिया गया हो वो गुड फेथ यानी कि सदभावनापूर्वक कार्य नहीं हो सकता मतलब जिन कार्यों में कोई ख्याल रखता है दूसरों का या फिर दूसरों पर ध्यान देता है वही कार्य जो है सदभावनापूर्वक कार्य माने जाते हैं इंडियन पैनल कोड में और इसके अलावा जितने भी कार्य हैं उन्हें गुड फेथ में नहीं माना जाता है
तो इसमें बहुत कुछ एक्सक्लूड कर दिया गया है तो इसमें जो चीजें नहीं हो सकती हैं उसे पहले बता दिया गया है कि अगर कोई किसी कार्य को बगैर किसी का ख्याल किए हुए बगैर ध्यान दिए हुए किया गया है तो यह सदभावनापूर्वक का कार्य नहीं होगा
तो इसे समझना बड़ा ही जरूरी हो जाता है क्योंकि बहुत सारे ऐसे क्राइम आएंगे बहुत सारे ऐसे डिफेंस आते हैं बहस में कि ये गुड फेथ में किया गया है कि नहीं इस कार्य को समझने के लिए यह सबसे जरूरी है कि उस कार्य को करने वाला व्यक्ति अगर दूसरों का ख्याल रख रहा है या दूसरों के प्रति ध्यान दे रहा है तो ही उस कार्य को जो है गुड फेथ में या सद्भावनापूर्ण सद्भावपूर्ण कार्य कहा जा सकता है
धारा 52 का विवरण – What is IPC Section 52
धारा 52 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 52 के अनुसार, कोई बात ” सदभावनापूर्वक ” की गयी या विशवास की गयी नहीं की गयी कही जाती जो सम्यक सतर्कता और ध्यान के बिना की गयी या विश्वास की गयी हो ।
IPC Section 52 Definition
According to Section 52 – “Nothing is said to be done or believed in “good faith” which is done or believed without due care and attention.”
Conclusion
तो दोस्तों आशा करता हूँ कि सेक्शन 52 आप समझ गए होंगे हमारा यह लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट बॉक्स में लिख के जरूर बताएं अगर लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों और मित्रों के बीच में शेयर जरूर कीजिएगा तो मिलते हैं फिर एक नए लेख में धन्यवाद.
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