IPC Section 89 in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारतीय दण्ड संहिता 89 के बारे में यहाँ हम जानेंगे कि आईपीसी धारा 89 क्या है? धारा 89 भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 89, IPC Section 89 Explained in Hindi, धारा 89 का विवरण आदि के बारे में तो आइये बिना किसी देरी के लेख कि शुरुवात करते हैं
IPC Section 89 in Hindi | आईपीसी धारा 89 क्या है
IPC Section 89 जो की 12 साल से कम उम्र के बच्चे या फिर मंदबुद्धि व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक (good faith) किये गये कार्य के बारे में, आईपीसी धारा 89 हमें बताता है कि अगर कोई व्यक्ति किसी 12 साल या फिर 12 साल से कम उम्र के बच्चे अथवा किसी मंदबुद्धि व्यक्ति के फायदे के लिए या उसे किसी गंभीर खतरे से बचाने के लिए किया गया कार्य अपराध नहीं माना जाएगा लेकिन वह कार्य उस बच्चे या मंदबुद्धि व्यक्ति के माता-पिता या फिर संरक्षक के सहमति से किया गया हो
उदाहरण के लिए जैसे कि मान लो किसी 12 साल या उससे कम उम्र के बच्चे को पथरी है और एक डॉक्टर उस बच्चे के माता-पिता की सहमति से उसकी पथरी का ऑपरेशन करने के लिए शरीर की चीर फाड़ करता है और ऐसे में उस बच्चे कि मृत्यु हो जाती है तो उसे अपराध नहीं माना जाएगा क्योंकि वह कार्य उस बच्चे के फायदे के लिए सद््भावपूर्वक तरीके से और उसके माता पिता या संरक्षक से पूछ कर किया गया था इस कार्य को उस डॉक्टर सद्भावपूर्वक यानि गुड फैथ में किया था उस डॉक्टर और उस बच्चे के माता पिता का इरादा उस बच्चे कि भलाई के लिए था
What is IPC Section 89 – धारा 89 का विवरण
धारा 89 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 89 के अनुसार कोई बात, जो बारह वर्ष से कम आयु के या विकॄतचित्त व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक उसके संरक्षक के, या विधिपूर्ण भारसाधक किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा, या की अभिव्यक्त या विवक्षित सम्मति से, की जाए, किसी ऐसी अपहानि के कारण, अपराध नहीं है जो उस बात से उस व्यक्ति को कारित हो, या कारित करने का कर्ता का आशय हो या कारित होने की संभाव्यता कर्ता को ज्ञात हो :
IPC Section 88 Definition
Nothing which is done in good faith for the benefit of a person under twelve years of age, or of unsound mind, by or by consent, either express or implied, of the guardian or other person having lawful charge of that person, is an offence by reason of any harm which it may cause, or be intended by the doer to cause or be known by the doer to be likely to cause to that person; Provided:
1 – That this exception shall not extend to the intentional causing of death, or to the attempting to cause death;
2 – That this exception shall not extend to the doing of anything which the person doing it knows to be likely to cause death, for any purpose other than the preventing of death or grievous hurt, or the curing of any grievous disease or infirmity;
3 – That this exception shall not extend to the voluntary causing of grievous hurt, or to the attempting to cause grievous hurt, unless it be for the purpose of preventing death or grievous hurt, or the curing of any grievous disease or infirmity;
4 – That this exception shall not extend to the abetment of any offence, to the committing of which offence it would not extend.
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तो दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा अगर आपको इस लेख या IPC से सम्बंधित कोई सवाल पूछना है तो आप कमेन्ट करके हमसे पूछ सकते है अगले पोस्ट में हम बात करेंगे IPC Section 90 के बारे में तो जुड़े रहिये ipc-section.com पोर्टल के साथ
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