IPC Section 51 in Hindi | आईपीसी धारा 51 क्या है – धारा 51 का विवरण

IPC Section 51 in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारतीय दण्ड संहिता के धारा 51 के बारे में यहाँ पर हम आईपीसी धारा 51 क्या है? Section 51 of IPC in Hindi, धारा 51 भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 51, IPC Section 51 Explained in Hindi, धारा 51 का विवरण आदि के बारे में जानेंगे तो आइये बिना देरी के इस लेख कि शुरुवात करते हैं.

IPC Section 51 in Hindi
IPC Section 51 in Hindi

IPC Section 51 in Hindi | आईपीसी धारा 51 क्या है

तो दोस्तों सबसे पहले इसकी डेफिनेशन चेक करते हैं उसके बाद एक-एक पॉइंट आपको आसान शब्दों में क्लियर कर दूंगा, धारा 51 में शपथ अर्थात Oath शब्द के बारे में बताया गया है ओथ मतलब शपथ “The word “oath” includes a solemn affirmation substituted by law for an oath, and any declaration required or authorized by law to be made before a public servant or to be used for the purpose of proof, whether in a Court of Justice or not. “

IPC Section 51 Explained in Hindi

अब आईपीसी का सेक्शन 51 क्या कहता है धारा 51 शपथ के बारे में बता रहा है की कोई शपथ लेना कि जो भी मैं कह रहा हूं वह सच कह रहा हूं किसी चीज की कसम खाना कि मैं जो शपथ ले रहा हूं वह सच कह रहा हूं जो भी कह रहा हूं तो देखिए इसमें यह बताया गया है कि “The word “oath” includes a solemn affirmation का मतलब होता है किसी चीज की पुष्टि कर देना तो यह सब्सटीट्यूट यानि एवजी है कानून के द्वारा

एक तो होती है शपथ इसका मतलब होता है कि अगर कानून के हिसाब से देखा जाए तो कोई धार्मिक कसम खाना, रिलीजियस कसम खाना कि मैं अपने धर्म की कसम खाकर ये कह रहा हूं कि जो भी मैं कहूंगा वो सच कहूंगा, या जो मैं कह रहा हूं वो सच कह रहा हूं, उसकी जगह पे कोई सॉलेमन अफरमेशन अर्थात सत्यनिष्ठ प्रतिज्ञान भी ले सकता है, मतलब उसमें धार्मिक कसम खाने की जरूरत नहीं है, वह मौखिक यह कह सकता है कि जो मैं कह रहा हूं वह सच कह रहा हूं.

उसके अलावा जब कोई, जब कोई चीज आप डिक्लेयर (घोषणा) कर रहे हो कि जो मैं कह रहा हूं वो सच कह रहा हूं या authorized by law to be made before a public servant के सामने किसी पुलिस ऑफिसर के सामने जिसको पुलिस मतलब कानून के द्वारा प्राधिकॄत किया गया है या कोई भी ऐसा ऑफिसर है जिसको कानून के द्वारा ऑथराइज्ड (प्राधिकॄत) किया गया है आप शपथ ले सकते हैं

उसके सामने used for the purpose of proof मतलब किसी प्रमाण के लिए जब आप जैसे विटनेस होते हैं जो कोर्ट में गवाही देते हैं तो वह क्या करते हैं कि वो उनकी गवाही से पहले लिखा जाता है कि जो भी मैं कह रहा हूं, वो बोलते हैं कि जो भी मैं कह रहा हूं वो मैं सच कह रहा हूं,

इसमें कोई भी झूठ नहीं कह रहा तो उसको वो शपथ लेते हैं कुछ भी गवाही देने देने से पहले, whether in a Court of Justice or not. “ तो इसमें ये भी बताया गया है कि ये जरूरी नहीं है कि जो शपथ है वो सिर्फ कोर्ट में ही ली जा सकती है, चाहे कोर्ट में, कोर्ट ऑफ जस्टिस में हो, चाहे कचहरी में हो, जज साहब के सामने हो.

या फिर कहीं और पर भी किसी पब्लिक सर्वेंट के सामने भी जिसको अधिकृत किया गया है कानून के द्वारा उसके सामने भी आप शपथ ले सकते हैं वह भी आपको शपथ देने के लिए कह सकता है और शपथ का मतलब यहां पर बताया गया है कि यह धार्मिक कसम होती है तो उसकी जगह पे आप धार्मिक कसम भी ले सकते हैं या सोलेमन अफर्मेशन मतलब सिर्फ पुष्टि ही कर सकते हैं कि जो भी मैं कह रहा हूं वह सच कह रहा हूं

कुल मिलाकर IPC Section 51 जो है शपथ के बारे में बात करता है जैसे जो मंत्री वगैरह होते हैं या प्रधानमंत्री हो गए या बड़े जो मिनिस्टर होते हैं जब भी वह अपना चार्ज संभालते हैं वो भी शपथ लेते हैं कि जो भी हम काम करेंगे वो अच्छे से करेंगे मैं शपथ लेता हूं इसके लिए तो मैं कसम लेता हूं इसके लिए एक हिसाब से ये धार्मिक कसम होती है धर्म की कसम होती है शपथ लेना ओथ लेना तो उसकी जगह पर कोई सत्यनिष्ठ प्रतिज्ञान भी ले सकता है चाहे वो कोर्ट के अंदर हो या किसी पब्लिक सर्वेंट के सामने यह शपथ लेनी हो

धारा 51 का विवरण – What is IPC Section 51

धारा 51 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 51 के अनुसार, शपथ के लिए विधि द्वारा प्रतिस्थापित सत्यनिष्ठ अभिपुष्टि और ऐसी कोई घोषणा, जिसका किसी लोक सेवक के समक्ष किया जाना या न्यायालय में या अन्यथा सबूत के प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाना विधि द्वारा अपेक्षित या प्राधिकॄत हो, शपथ शब्द के अन्तर्गत आती है

IPC Section 51 Definition

According to Section 51 – “The word “oath” includes a solemn affirmation substituted by law for an oath, and any declaration required or authorized by law to be made before a public servant or to be used for the purpose of proof, whether in a Court of Justice or not. “

Conclusion

तो दोस्तों आशा करता हूं कि IPC Section 51 आपको क्लियर हो गया होगा कोई कंफ्यूजन रह गई हो तो कृपया कमेंट करके पूछिएगा यदि लॉ से रिलेटेड कोई और भी जानकारी चाहिए तो भी आप कमेंट कर सकते हैं अगले पोस्ट में बात करेंगे आईपीसी के सेक्शन 52 के बारे में हमारी साईट पर विजिट करने के लिए आपका धन्यवाद.

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