IPC Section 44 in Hindi | आईपीसी धारा 44 क्या है – धारा 44 का विवरण

IPC Section 44 in Hindi: हेलो फ्रेंड्स, आपका बहुत-बहुत ipc-section.com पर, दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे आईपीसी की धारा 44 के बारे में यहाँ हम आईपीसी धारा 44 क्या है? Section 44 of IPC in Hindi, धारा 44 भारतीय दण्ड संहिता, IPC Section 44 Explained in Hindi आदि के बारे में जानेंगे तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं ये लेख.

IPC Section 44 in Hindi
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IPC Section 44 in Hindi | आईपीसी धारा 44 क्या है

IPC Section 44 जो बात करती है क्षति अर्थात human injury के बारे में भारतीय दंड संहिता की धारा 44 यह परिभाषित करती है कि क्षति शब्द के क्या मायने हैं? IPC के अनुसार जब कभी किसी व्यक्ति की बॉडी पर उसके मन पर, उसकी प्रसिद्धि पर या उसकी प्रॉपर्टी पर अवैध रूप से कोई काम हो जाता है, जो उसको क्षति पहुंचाने के लायक होता है

उसको injury करता है तो वह मानव क्षति कहलाती है, लेकिन क्षति के लिए यह शर्त होती है कि वह किसी व्यक्ति के या उसके शरीर पर या फिर पूरे समाज को अवैध रूप से किया जाना कोई काम होना चाहिए, यह केवल शारीरिक क्षति या फिर आर्थिक हानि तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि यह किसी के मन को या फिर किसी की प्रसिद्धि को भी क्षति पहुंचाने का काम करता है.

एक केस के अंदर पति की मृत्यु हुई पत्नी के लिए क्षति माना गया था, पर दूसरे केस में इसको स्वीकार नहीं किया गया, पति की हानि पत्नी पर नुकसानदायक प्रभाव डालती है शारीरिक रूप से ना सही, बल्कि मानसिक रूप से तो जरूर पहुंचाती है, इसलिए इसे पत्नी के लिए हानी माना जाना चाहिए.पुलिस के सामने एक झूठा आरोप जिसको कोर्ट में दर्ज करने का कभी कोई इंटेंशन नहीं था, यह भी एक क्षतिकारित करता है.

हबीले उल रज्जा के केस में अभियुक्त जो था, शिकायत कर्ता के जानवरों को अपने साथ ले गया था और तब छोड़ने से इंकार कर दिया जब तक कि उसे कुछ रुपया ना दे दिया जाए और उसने रुपया दिए जाने पर उसके जानवरों को छोड़ दिया, इस केस में यह निर्धारित किया गया, कि अभियुक्त ने शिकायत करता को हानि पहुंचाई है यानी कि क्षति पहुंचाई है.

इसी तरह किसी व्यक्ति को यह धमकी देना कि अगर वह यह पैसा नहीं देगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी, यह भी अवैध है और इस धारा के अंतर्गत क्षति माना जाएगा, इसी तरह से एक पूरे वर्ग के द्वारा उन लोगों का सामाजिक बहिष्कार करना जो उनके साथ सहयोग करने से इंकार करते हैं, इस धारा के अंतर्गत क्षति नहीं माना जाएगा.

जहां नाइयों या धोबियों ने निश्चित किया कि जो लोग अच्छी खेती की सुविधाएं नहीं प्रदान करते हैं उनका काम नहीं किया जाएगा और उनके समुदाय के जो लोग उनका समर्थन नहीं करते हैं उनका बहिष्कार कर दिया जाएगा आईपीसी में यह पूरी तरह से क्लियर किया गया है कि जो बहिष्कार होता है वह क्षति नहीं माना जाता

इसी तरह से उनके द्वारा दी गई धमकी कि कुछ लोग नाइयों और धोबियों की सेवाओं से वंचित हो जाएंगे भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के अंतर्गत दंडनीय क्षति नहीं होगी. इस तरह से हम भारतीय दंड संहिता में यह पाते हैं कि किसी भी अपराध के चार आवश्यक तत्व होते हैं, लेकिन उनके कुछ अपवाद भी हमेशा रहते हैं.

कभी-कभी दोषी मनोभाव के अभाव में भी अपराधी बन जाता है. यह कुछ कठोर दायित्व होते हैं या फिर पूर्ण दायित्वों के मामले होते हैं. उदाहरण के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के अंतर्गत दूसरा विवाह करने का अपराध.

कुछ मामले में अपराधी काम भी पूरा ना हुआ हो और किसी तरह से किसी व्यक्ति को कोई क्षति भी ना पहुंचाई गई हो, फिर भी वह अपराध हो जाता है, इनको प्रारंभिक मामले के अपराध कहते हैं.

फॉर एग्जांपल, जैसे कि कोशिश करना, अटेंप्ट करना, दुष्प्रेरण करना और षड्यंत्र करना, इसी तरह के मामले होते हैं, इसके अंतर्गत ऐसा भी अपराध हो सकता है, जिनमें ना कि अपराधिक काम हुआ हो और ना ही किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाया गया हो, यह गंभीर मामले भी हो सकते हैं, जिन्हें समाज में शांति बनाए रखने के उद्देश्य से राज्य उन्हें घटित होने से पहले ही नियंत्रण में कर लेता है या फिर यूं कहिए कि वह उसे रोक देते हैं

उदाहरण के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 399 के अंतर्गत डकैती डालने के लिए तैयारी करना और आईपीसी की धारा 402 के अंतर्गत डकैती डालने के उद्देश्य से इकट्ठा होना ये कुछ इस तरह के अपराध हैं जो कि घटित नहीं हुए लेकिन इनको करने से पहले तैयारी की गई इसलिए यह अपराध माने गए हैं

IPC Section 44 Explained in Hindi & English

धारा 44 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 44 के अनुसार, क्षति शब्द किसी प्रकार की चोट का द्योतक है, जो किसी व्यक्ति के शरीर, मन, ख्याति या सम्पत्ति को गैर-क़ानूनी रूप से पहुँचाई गयी हो।

IPC Section 44 Explained in English

According to Section 44 – The word “injury” denotes any harm whatever illegally caused to any person, in body, mind, reputation or property.

IPC Section 44 in Hindi, आईपीसी धारा 44 क्या है?

Conclusion

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