IPC Section 53A in Hindi | आईपीसी धारा 53A क्या है – धारा 53A का विवरण

IPC Section 53A in Hindi: हेलो फ्रेंड्स, ipc-section.com में आप सबका स्वागत है, आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे भारतीय दंड संहिता 1860 53(क) के बारे में यानी IPC Section 53A के बारे में हम जानने और समझने वाले हैं इसमें हम जानेंगे कि आईपीसी धारा 53A क्या है? Section 53A of IPC in Hindi, धारा 53A भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 53A, IPC Section 53A Explained in Hindi, धारा 53A का विवरण आदि के बारे में तो आइये आज के लेख कि शुरुवात करते हैं.

IPC Section 53A in Hindi
IPC Section 53A in Hindi

IPC Section 53A in Hindi | आईपीसी धारा 53A क्या है

तो सेक्शन 53 ए में आजीवन निर्वासन के प्रति निर्देश का अर्थ लगाने के बारे में बताया गया अब यह जो सेक्शन है 53 ए इसको 1955 में जोड़ा गया है और 1955 में डिसाइड किया गया कि निर्वाचन का अर्थ क्या लगाया जाएगा अब निर्वासन का अर्थ मैं बता दूं आप लोगों को कि निर्वासन का मतलब होता है किसी व्यक्ति को देश से बाहर निकाल देना यानी समुद्री सीमाओं के बाहर निर्वासित कर देना.

बहुत ही इंपॉर्टेंट बात है आप लोग इसको नोट कर लीजिए एग्जाम में बहुत बार पूछा जाता है कि निर्वासन शब्द को कब हटाया तो 1955 के संशोधन के द्वारा हटाया गया इसको चार भागों में बांटा गया इसको यानी इसमें चार उपधारा यानी फोर सबसेक्शन दिए गए

IPC Section 53A Explained in Hindi

पहला सबसेक्शन जो बताता है उपधारा (2) और पधारा (3) के उपबंधों के अधीन किसी विधि का अधिनियम में लिखित आदेश में आजीवन निर्वासन के प्रति निर्देश का अर्थ होगा आजीवन करवास यानी इस सेक्शन के धारा 2 और 2 के उपबंध में अगर किसी विधि या किसी अधिनियम में कोई लिखित आदेश मिल जाता है कि आजीवन निर्वासन तो उस अपराधी को आजीवन करवास माना है जाएगा, उसका अर्थ माना जाएगा कि उसे आजीवन करवास की सजा मिली है

सबसेक्शन 2 यानी उपधारा दो कहता है, किसी मामले में निर्वासन का दंडादेश दंड प्रक्रिया संशोधन अधिनियम 1955 के पूर्व दिया गया है तो उस अपराधी को कठिन करवास के दंड समझा जाएगा यानी जब ये संशोधन होता है 1955 में और 1955 से पहले अगर किसी व्यक्ति को निर्वासन का दंड मिल जाता है, तो उसको माना जाएगा कि वह कठिन करवास के दंड का भागी है वो अपराधी इसके बाद आता है

उपधारा तीन यानी सबसेक्शन 3 कहता है कि किसी मामले या विधि में निर्वासन अवधि दिया गया है उस निर्वासन को समाप्त कर दिया गया यानी अगर किसी व्यक्ति को निर्वासन यानी उसको कोई एक लिमिट दे दिया गया है कि इतने वक्त तक वो व्यक्ति इस देश से बाहर रहेगा यानी 1955 तक की बात हो रही है 1955 के बाद तो ये सजा किसी को मिल ही नहीं सकता लेकिन 1955 से अगर किसी व्यक्ति को अगर ऐसा सजा मिल जाता है कि वह व्यक्ति इतने अवधि तक देश से बाहर रहेगा, लेकिन मान लिया जाएगा कि वह व्यक्ति अब निर्वासन के लिए रद्द कर दिया गया.

अब इसके बाद आता है सबसेक्शन 4 यानी उपधारा चार जो कहता है, किसी अनप्रवृत विधि में निर्वासन के प्रति निर्देश हो, यानी अगर किसी प्रवृत विधि में अगर निर्वासन का कोई निर्देश दिया गया है, यानी आजीवन निर्वासन है तो उसे आजीवन करवास समझा जाएगा या कुछ अवधि के लिए हो तो उसे लुप्त यानी समाप्त समझा जाएगा

धारा 53A का विवरण – What is IPC Section 53A

धारा 53A का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 53A के अनुसार, (1) उपधारा (2) के और उपधारा (3) के उपबंधों के अध्यधीन किसी अन्य तत्समय प्रवृत्ति विधि में, या किसी ऐसी विधि या किसी निरसित अधिनियमिति के आधार पर प्रभावशील किसी लिखत या आदेश में “आजीवन निर्वासन” के प्रति निर्देश का अर्थ यह लगाया जायेगा, कि वह “आजीवन कारावास” के प्रति निर्देश है।

(2) हर मामले में, जिसमें कि किसी अवधि के लिए निर्वासन का दण्डादेश दण्ड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम, 1955 (1955 का 26) के प्रारंभ से पूर्व दिया गया है, अपराधी से उसी प्रकार बरता जाएगा, मानो वह उस अवधि के लिए कठिन कारावास के लिए दण्डादिष्ट किया गया हो।

(3) किसी अन्य तत्समय प्रवृत्त विधि में किसी अवधि के लिए निर्वासन या किसी लघुतर अवधि के लिए निर्वासन के प्रति (चाहे उसे कोई भी नाम दिया गया हो) कोई निर्देश लुप्त कर दिया गया समझा जाएगा।

(4) किसी अन्य तत्समय प्रवृत्त विधि में निर्वासन के प्रति जो कोई निर्देश हो –

(क) यदि उस पद से आजीवन निर्वासन अभिप्रेत है, तो उसका अर्थ आजीवन कारावास के प्रति निर्देश होना लगाया जाएगा;

(ख) यदि उस पद से किसी लघुत्तर अवधि के लिए निर्वासन अभिप्रेत है, तो यह समझा जाएगा कि वह लुप्त कर दिया गया है।

IPC Section 53A Definition

According to Section 53 [A] – (1) Subject to the provisions of sub-section (2) and sub-section (3), any reference to “transportation for life” in any other law for the time being in force or in any instrument or order having effect by virtue of any such law or of any enactment repealed shall be construed as a reference to “imprisonment for life”.

(2) In every case in which a sentence of transportation for a term has been passed before the commencement of the Code of Criminal Procedure (Amendment) Act, 2[1955] (26 of 1955), the offender shall be dealt with in the same manner as if sentenced to rigorous imprisonment for the same term.

(3) Any reference to transportation for a term or to transportation for any shorter term (by whatever name called) in any other law for the time being in force shall be deemed to have been omitted.

(4) Any reference to “transportation” in any other law for the time being in force shall,-

(a) If the expression means transportation for life, be construed as a reference to imprisonment for life;

(b) If the expression means transportation for any shorter term, be deemed to have been omitted.

Conclusion

तो दोस्तों आपने इस पोस्ट में आईपीसी धारा 53A क्या है?, IPC Section 53A in Hindi के बारे में जाना आपको ये लेख कैसा लगा कृपया मुझे कमेंट करके जरूर बताइएगा, आप अपने दोस्तों के साथ इसको शेयर भी कीजिएगा हमारी साईट पर विजिट करने के लिए आपका धन्यवाद.

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