IPC Section 55A in Hindi | आईपीसी धारा 55A क्या है – धारा 55A का विवरण

IPC Section 55A in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारतीय दण्ड संहिता के धारा 55ए के बारे में यहाँ इस लेख में हम जानेंगे कि आईपीसी धारा 55A क्या है? Section 55A of IPC in Hindi, धारा 55A भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 55A, IPC Section 55A Explained in Hindi, धारा 55A का विवरण आदि के बारे में जानेंगे तो आइये देर न करते हुए आज के पोस्ट कि शुरुवात करते हैं.

IPC Section 55A in Hindi
IPC Section 55A in Hindi

IPC Section 55A in Hindi | आईपीसी धारा 55A क्या है

IPC Section 55A कहता है Definition of appropriate Government यानि समुचित सरकार की परिभाषा के बारे में बताता है कि जो इससे पहले वाले सेक्शंस हैं आईपीसी का सेक्शन 54 है और 55 है तो इनमें Appropriate Government यानि समुचित सरकार का के बारे में जिक्र किया गया है तो एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट होती क्या है किसको बोला जाएगा कि यह समुचित सरकार है राज्य सरकार या केंद्र सरकार तो उसका मतलब बताया गया है इसमें दो भाग बनाए गए हैं एक A और B तो दोनों को सबसे पहले पढ़ते हैं इसकी डेफिनेशन उसके बाद में एक-एक पॉइंट आसान शब्दों में क्लियर करूंगा

IPC Section 55A Explained in Hindi

A. इसका क्लॉज ए क्या कहता है वो चेक करते हैं In case where the sentence is a sentence of death or is for an offence against any law relating to a matter to which the executive power of the Union extends, the Central Government; and इसमें ये बताया है गया है कि समुचित सरकार सेंट्रल गवर्नमेंट को केंद्र की सरकार को कब माना जाएगा जब यहां जिस केस के अंदर किसी को डेथ पेनल्टी यानि सजा ए मौत दे दी गई हो

अपराधी को फांसी की सजा सुना दी गई है, तो उसमें जो एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट है वह केंद्र की सरकार होगी और एक उसमें यहां पर जो कार्यकारिणी शक्ति है जिस में जो केस सम्बंधित होता है मतलब केंद्र से रिलेट (सम्बंधित) करता है तो वहां पर भी जो समुचित सरकार अर्थात एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट है वह केंद्र की सरकार मानी जाएगी

जैसे सीबीआई कोर्ट है अगर सीबीआई से सम्बंधित कोई केस है और सीबीआई की कोर्ट किसी को सजा सुनाती है तो वह जो सीबीआई है वह किसके अंदर में आती है यूनियन मतलब सेंटर के अंडर में आती है तो एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट वहां पर कौन सी मानी जाएगी वहां पर केंद्र की सरकार सेंट्रल गवर्नमेंट जो है एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट मानी जाएगी या उन केसेस में जहां पर फांसी की सजा सुनाई जाती है वहां पर भी एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट जो है वह सेंट्रल गवर्नमेंट मानी जाएगी

B. अब दूसरा भाग देखते हैं तो पार्ट B में क्या कहा गया है In case where the sentence (whether of death or not) तो मतलब इसमें डेथ कट बताया गया है इसमें यह बताया गया है कि अगर किसी भी केस में चाहे वह डेथ पेनल्टी है या नहीं है, चाहे उसमें फांसी की सजा है या नहीं है, In case where the sentence (whether of death or not) is for an offence against any law relating to a matter to which the executive power of the State extends, the Government of the State within which the offender is sentenced.

अब इसको ध्यान से समझिएगा पार्ट B को, इसमें यह बताया गया है कि वह केसेस जहां पर या तो डेथ पेनल्टी दी गई है या फिर नहीं दी गई है, यह जरूरी नहीं है कि उसमें डेथ पेनल्टी हो ही, अगर डेथ पेनल्टी है तो भी, अगर डेथ पेनल्टी नहीं है तो भी, वो मैटर सम्बंधित होते हैं Executive Power of State यानि राज्य की कार्यकारी शक्ति से यहां पर स्टेट से रिलेटेड मैटर हो, किसी राज्य से रिलेटेड मैटर हो और जिस स्टेट में उस अपराधी को सजा सुनाई गई हो.

इसको ध्यान से समझिएगा, जैसे कि देखिए मान के चलिए पंजाब का मामला है तो पंजाब के अंदर किसी को अगर या तो फांसी की सजा सुनाई गई है या वह मामला जो है वह पंजाब सरकार से रिलेट करता है, यहां पर पंजाब सरकार की जो एग्जीक्यूटिव पावर है वह पंजाब सरकार की है और पंजाब में ही उसको सजा सुनाई गई है तो वहां पर गवर्नमेंट कौन सी होगी पंजाब की सरकार

इसमें एक खास बात और है कि अगर अपराधी ने अपराध किया है किसी और स्टेट में लेकिन उसको सजा किसी भी कारण से दूसरी स्टेट में सुनाई गई है तो समुचित सरकार कौन सी होगी कौन से राज्य की सरकार होगी तो यहां पर समुचित सरकार उसी राज्य की सरकार होगी जहां पर उसको सजा सुनाई गई है जिस राज्य में उसको सजा सुनाई गई है वही एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट होगी

तो इस पूरे सेक्शन में क्या रिजल्ट निकल कर आ रहा है कि अगर डेथ पेनल्टी होती है, यहां पर अब मैं A और B दोनों पार्ट्स की बात कर रहा हूं कि अगर किसी में फांसी की सजा होती है तो उसमें समुचित सरकार दोनों सरकारें हो सकती हैं सिचुएशन के हिसाब से अगर डेथ पेनल्टी होती है, क्योंकि इसमें भी डेथ पेनल्टी की बात की गई है, उसमें भी की गई है, अगर डेथ पेनल्टी होती है, उसमें समुचित सरकार केंद्र की सरकार भी हो सकती है और राज्य की सरकार भी हो सकती है.

जैसे कि मैंने एग्जांपल दिया था मान के चलिए अगर सीबीआई कोर्ट ने किसी को फांसी की सजा सुना दी तो सीबीआई सेंटर सेंट्रल गवर्नमेंट के अंदर अंतर्गत ही आती है तो वहां पर एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट होगी केंद्र की सरकार, उसमें डेथ पेनल्टी दी गई है, अगर डेथ पेनल्टी किसी ऐसे मैटर में दी गई है जहां पर राज्य की सरकार का मैटर है, चाहे वह उत्तर प्रदेश में दी गई हो, हरियाणा में दी गई हो, पंजाब में दी गई हो, महाराष्ट्र में दी गई हो तो वहां पर एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट जो है

उसी राज्य की सरकार होगी जहां पर जिस राज्य में उसको सजा सुनाई गई है या फिर अगर कोई मैटर लेट करता है, यहां पर एग्जीक्यूटिव पावर यूनियन की हो, जहां पर सेंटर की अधिकार हो, जैसे कि कुछ Union Territories होते हैं, जैसे कि दिल्ली है तो दिल्ली में क्या है कई मैटर्स में जो है केंद्र की सरकार की पावर है, तो वहां पर अगर कोई मामला ऐसा होता है तो वहां पर समुचित सरकार सेंट्रल गवर्नमेंट होगी.

अदरवाइज जो मैटर किसी राज्य से रिलेट करते हैं, अगर वहां पर ऐसा कोई मामला होता है तो वहां पर समुचित सरकार उस सम्बंधित स्टेट की गवर्नमेंट होगी

धारा 55A का विवरण – What is IPC Section 55A

धारा 55A का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 55A के अनुसार, धारा 54 और 55 में समुचित सरकार पद से,–

(क) उन मामलों में केन्द्रीय सरकार अभिप्रेत है, जिनमें दंडादेश मॄत्यु का दण्डादेश है, या ऐसे विषय से, जिस पर संघ की कार्यपालन शक्ति का विस्तार है, संबंधित किसी विधि के विरुद्ध अपराध के लिए है ; तथा

(ख) उन मामलों में उस राज्य की सरकार, जिसके अन्दर अपराधी दण्डादिष्ट हुआ है, अभिप्रेत है, जहां कि दंडादेश (चाहे मॄत्यु हो या नहीं) ऐसे विषय से, जिस पर राज्य की कार्यपालन शक्ति का विस्तार है, संबंधित किसी विधि के विरुद्ध अपराध के लिए है।

IPC Section 55A Definition

According to Section 55 – In sections fifty-four and fifty-five the expression “appropriate Government” means, —

(A) In case where the sentence is a sentence of death or is for an offence against any law relating to a matter to which the executive power of the Union extends, the Central Government; and

(B) In case where the sentence (whether of death or not) is for an offence against any law relating to a matter to which the executive power of the State extends, the Government of the State within which the offender is sentenced.

IPC Section 55A in Hindi | आईपीसी धारा 55A क्या है

Conclusion

तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आईपीसी धारा 55A क्या है?, IPC Section 55A in Hindi आपको पूरी तरह से समझ गए होंगे कि समुचित सरकार यानि Appropriate Government किसको कहा गया है आईपीसी के सेक्शन 54 में और 55 में जो कि हमने पहले क्लियर कर चुके हैं अभी तक आपने पोस्ट को नहीं पढ़ा है तो उन पोस्ट का लिंक निचे दिया गया है,

उम्मीद करता हूं आपको क्लियर हो गया होगा अगर फिर भी कोई कंफ्यूजन रह गई हो तो प्लीज कमेंट करके आप पूछिएगा और लॉ से रिलेटेड कोई और भी जानकारी चाहते हैं वह भी आप पूछ सकते हैं अगले लेख में बात करेंगे आईपीसी के सेक्शन 56 के बारे में और कमेंट करके बताइएगा यह पोस्ट आपको कैसा लगा इस लेख को पढने के लिए आपका धन्यवाद.

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