IPC Section 40 in Hindi | आईपीसी धारा 40 क्या है | Section 40 in Hindi

IPC Section 40 in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज के ipc-section.com के इस पोस्ट में आपका स्वागत है, आज हम बात करेंगे IPC Section 40 के बारे यहाँ हम जानेंगे आईपीसी धारा 40 क्या है? धारा 40 भारतीय दण्ड संहिता, IPC Section 40 Explained in Hindi, What is IPC Section 40 आदि के बारे में तो आइये बिना किसी देरी के जानते हैं कि धारा 40 भारतीय दण्ड संहिता कि क्या परिभाषा है.

IPC Section 40 in Hindi
IPC Section 40 in Hindi, आईपीसी धारा 40 क्या है

IPC Section 40 in Hindi | आईपीसी धारा 40 क्या है

IPC Section 40 में अपराध यानि कि Offence शब्द कि परिभाषा दी गई है, आइये सबसे पहले जानते हैं कि अपराध क्या होता है, क्योंकि जब तक हम अपराध को नहीं समझेंगे, तब तक हम अपराधी नहीं समझ पाएंगे, तब तक हम कानून नहीं समझ पाएंगे, कानून को अगर समझना है तो सबसे पहली जो बेसिक चीज है वो है अपराध, अपराध के बिना अपराधी नहीं हो सकता और अपराधी की अनुपस्थिति में कानून का कोई काम नहीं है. IPC Section 40 in Hindi

जो लोग अब तक हमसे नहीं जुड़े हैं, मैं चाहता हूं आप सब लोग ipc-section.com जुड़े, और इस पोर्टल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, क्योंकि हमारा उद्देश्य समाज के अंदर से अपराध को कम करना है, समाज को शिक्षित, सुशिक्षित और भयमुख बनाने के लिए ये जरूरी है कि हम कानून के ज्ञान को प्राप्त करें. क्योंकि कानून का ज्ञान ही एक मात्र ज्ञान ऐसा है जो अपराध को कंट्रोल कर सकता है, अगर आप कानून के ज्ञाता हो जाएंगे, अगर आप कानून समझ जाएंगे तो निश्चित रूप से अपराध कम हो जाएगा, अपराध कंट्रोल हो जाएगा.

धारा 40 का विवरण | IPC Section 40 Explained in Hindi & English

भारतीय दंड संहिता की धारा 40 के अनुसार, इस धारा के अनुच्छेद 2 और 3 में वर्णित अध्यायों और धाराओं के सिवाय अपराध शब्द इस संहिता द्वारा दण्डित की गई बात का द्योतक है ।
अध्याय 4, अध्याय 5क और निम्नलिखित धारा, अर्थात् धारा 64, 65, 66, 67, 71, 109, 110, 112, 114, 115, 116, 117, 187, 194, 195, 203, 211, 213, 214, 221, 222, 223, 224, 225, 327, 328, 329, 330, 331, 347, 348, 388, 389 और 445 में अपराध शब्द इस संहिता के अधीन या एत्स्मिनपश्चात् यथापरिभाषित विशेष या स्थानीय विधि के अधीन दण्डनीय बात का द्योतक है।

और धारा 141, 176, 177, 201, 202, 212, 216 और 441 में अपराध शब्द का अर्थ उस दशा में वही है जिसमें कि विशेष या स्थानीय विधि के अधीन दण्डनीय बात ऐसी विधि के अधीन छह मास या उससे अधिक अवधि के कारावास से, जुर्माने सहित या रहित, दण्डनीय हो

IPC Section 40 Explained in English – What is IPC Section 40

According to Section 40 – “Except in the Chapters and sections mentioned in clauses 2 and 3 of this section, the word “offence” denotes a thing made punishable by this Code. In Chapter IV, Chapter VA and in the following sections, namely, sections 41 [64, 65, 66, 42 [67], 71], 109, 110, 112, 114, 115, 116, 117, 43 [118, 119, 120,] 187, 194, 195, 203, 211, 213, 214, 221, 222, 223, 224, 225, 327, 328, 329, 330, 331, 347, 348, 388, 389 and 445, the word “offence” denotes a thing punishable under this Code, or under any special or local law as hereinafter defined.

And in sections 141, 176, 177, 201, 202, 212, 216 and 441, the word “offence” has the same meaning when the thing punishable under the special or local law is punishable under such law with imprisonment for a term of six months or upwards, whether with or without fine.”

IPC Section 40 in Hindi, आईपीसी धारा 40 क्या है, IPC Section 40 Explained in Hindi

अपराध क्या है – what is Offence

भारतीय दण्ड संहिता जो आधारित है या कोई भी दण्ड संहिता है वो हमेशा अपराध से जुडी होती है अपराध होता क्या है? अपराध एक मनोस्थिति है एक ऐसी स्थिति जहां हम अवांछनीय काम करते हैं और इसकी परिभाषा दो जगह मिलती है भारतीय कानून में, एक आईपीसी की धारा 40 और एक सीआरपीसी की धारा 2N में

इन दोनों जगह अपराध को परिभाषित किया गया और कहा गया कि अपराध वो है जो सभ्य समाज या राज्य तंत्रात्मक व्यवस्था के खिलाफ किया गया ऐसा कोई काम जो समाज के अंदर लोगों की नजर में या कानून की नजर में अवांछित कार्य हो, वह सारे काम अपराध है. Section 40 of IPC in Hindi

संगेय और असंज्ञेय अपराध क्या है | What is cognizable and non-cognizable crime?

अपराध कई तरीके का हो सकता है, अपराध संगेय होता है, अपराध असंगेय होता है,

संगेय अपराध (cognizable crime) – जो ज्यादा गंभीर अपराध होते हैं उन्हें संगेय अपराध कहते हैं , जैसे किसी व्यक्ति ने किसी कि हत्या कर दी.

असंज्ञेय अपराध (cognizable crime) – जो भी अपराध संज्ञेंय अपराध के श्रेणी मे नही आते वह सभी अपराध असज्ञेय अपराध है। जैसे बिना किसी प्रकारे के चोट पहुंचाए गए अपराध असंज्ञेय अपराध होते है.

धारा 40 भारतीय दण्ड संहिता

इसके अलावा संपत्ति, राष्ट्र, व्यक्ति, इन तीन के विरुद्ध हमेशा अपराध होता है, कोई भी व्यक्ति जो अपराध करेगा चाहे वह राष्ट्र के खिलाफ करेगा या किसी व्यक्ति के खिलाफ करेगा या किसी की संपत्ति के खिलाफ करेगा.

यदि कोई राष्ट्र दोह कर रहा है, कोई ऐसा काम कर रहा है, जिससे राष्ट्र के अंदर विध्न पैदा हो सके, ऐसा कोई काम कर रहा है, जो राजकीय सत्ता को चैलेंज कर रहा हो, राष्ट्र के खिलाफ काम कर रहा हो, तो वह राष्ट्र दोह के श्रेणी में आता है

कोई ऐसा काम हो रहा हो, जिससे किसी व्यक्ति को नुकसान हो रहा हो जैसे- कोई चोरी कर रहा है, कोई हत्या कर रहा है, कोई लूट कर रहा है, महिलाओं के प्रति किसी तरीके का कोई अपराध कर रहा है, तो यह सारे कार्य जो होंगे, वह व्यक्तिगत अपराध है, जो किसी व्यक्ति के खिलाफ अपराध होता है.

और तीसरा है संपत्ति का अपराध जैसे- किसी की चोरी करना, किसी के साथ फ्राड करना, गलत तरीके से पेपर बना लेना या कोई गलत तरीके कोई कूट रचना कर ले, तो यह संपत्ति के विरुद्ध अपराध होता है यानि अगर कोई व्यक्ति किसी कि संपत्ति अथवा किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को दुर्भावनापूर्ण कृत्य द्वारा नुकसान पहुँचाता है तो वह संपत्ति के अपराध कि श्रेणी में आता है

Section 40 of IPC in Hindi

अपराध वो स्थिति है जो IPC (भारतीय दण्ड संहिता) Section 40 में भी समझाई गई है और CRPC (दंड प्रक्रिया संहिता) की की धारा 2N यह दोनों धाराएं जो यह बताती है कि अपराध क्या होता है तो मुझे लगता है आप समझ गए होंगे कि वह कार्य जो राजकीय सत्ता के विरुद्ध किया गया काम हो, राज्य के कानून के विरुद्ध किया गया काम हो या समाज के अंदर ऐसा कोई कार्य जो समाज जिसको पहले से निर्धारित कर रखा है कि इस तरीके का कार्य अगर होंगे तो वह समाज विरुद्ध होंगे या किसी व्यक्ति के विरुद्ध होंगे तो वह कार्य हमेशा अपराध की श्रेणी में आएंगे और उस कार्य को करने वाला व्यक्ति अपराधी होगा

इसको हम एक उदाहरण से समझते हैं जैसे कि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के अधिकार में आने वाली चीज को या अधिकार में आने वाली संपत्ति को छल पूर्वक प्राप्त कर लेता है अब अगर कोई छलपूर्वक प्राप्त तो निश्चित रूप से वह अपराध कर रहा है क्योंकि उसका उसपे अधिकार नहीं है तो वह जो छलपूर्वक प्राप्त कर रहा है वह अपराधी होगा वह जो कार्य कर रहा है वो वो अपराध की श्रेणी में आएगा

उदाहरण नंबर दो. यदि कोई व्यक्ति किसी के साथ मारपीट करता है तो मारपीट की स्थिति में दो स्थितियां पैदा हो सकती है A ने B को मारा लेकिन कभी कभी ऐसा होता है कि A ने B को मारा फिर बाद में B ने भी A को मारा तो ऐसी स्थिति में अपराधी कौन होगा A होगा या B होगा. निश्चित रूप से अपराधी A होगा क्योंकि B ने जो मारपीट की है A के मारने के बाद वो अपने बचाव में की है self defense में की है और सेल्फ डिफेंस में किया गया कोई भी कार्य यानि अपने आप को बचाने के लिए किया गया कोई भी कार्य अपराध की श्रेणी में नहीं आता है

ये आगे हम बताएंगे क्योंकि बहुत सारे अपवाद है अपराध की स्थिति में जो काम आप तो करेंगे लेकिन उनको अपराध की श्रेणी में नहीं माना जाता है

जैसे- कि कोई डॉक्टर है और डॉक्टर किसी किसी मरीज को इलाज करते समय वह व्यक्ति मर गया वो डॉक्टर चाहता था कि उसका मरीज बच जाए या कोई वकील किसी मुकदमे को लड़ रहा था और मुकदमे को लड़ने के बाद वो हार जाता है और जज साहब उसको फांसी की सजा दे देते हैं

तो यहां ना तो डॉक्टर दोषी हैं और ना ही वह वकील दोषी है क्योंकि यह दोनों लोग सद्भावना पूर्वक काम कर रहे थे कोई ऐसा कार्य नहीं कर रहे थे जो कानून के विरुद्ध हो इसलिए यह लोग अपराधी की श्रेणी में नहीं आएंगे उनके द्वारा किया गया ऐसा कार्य अपराध नहीं होगा

जैसे अध्यापक है कभी-कभी बच्चे को पीट देता है किसी छात्र को पीटता है कि तुम कल पढ़ के नहीं आए थे या कल तुम अपने होमवर्क करके नहीं आए. तो होमवर्क करके नहीं आया तो उसको एक डंडा मार दिया, एक तमाचा मार दिया या उसको डांट दिया तो निश्चित रूप से अपराध की श्रेणी में आना चाहिए था, लेकिन जो अध्यापक है वो शिक्षा देने के उद्देश्य से या उसकी उसकी उसकी प्रगति के उद्देश्य से उसको पढ़ना चाह रहा है या उसको डाट रहा है तो वह कार्य अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा.

Conclusion

तो दोस्तों मैं आशा करता हु कि इस लेख को पढ़कर आप IPC Section 40 को अच्छी तरह से समझ गए होंगे, अगर आपको हमारा यह पोस्ट Section 40 IPC in Hindi, IPC Section 40 in Hindi, Section 40 of IPC in Hindi, आईपीसी धारा 40 क्या है, IPC Section 40 Explained in Hindi पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा तक लोगों को तो पहुंचाएं, जिससे कानून का ज्ञान समाज के अंदर हर व्यक्ति को प्राप्त हो सके और कानून का ज्ञान प्राप्त करने के बाद समाज में जो अपराध की स्थिति है वो निश्चित रूप से नियंत्रित होगी, बहुत-बहुत धन्यवाद.

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