IPC Section 72 in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारतीय दण्ड संहिता के धारा 72 के बारे में यानि IPC Section 72 के बारे में यहाँ हम जानेंगे कि आईपीसी धारा 72 क्या है? Section 72 of IPC in Hindi, धारा 72 भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 72, IPC Section 72 Explained in Hindi, धारा 72 का विवरण आदि के बारे में तो चलिए बिना किसी देरी के आज के लेख कि शुरुवात करते हैं.
Contents
IPC Section 72 in Hindi | आईपीसी धारा 72 क्या है
तो सबसे पहले धारा 72 की डेफिनेशन चेक करते हैं उसके बाद एक-एक पॉइंट आसान तरीके से आपको क्लियर करूंगा IPC Section 72 कि डेफिनेशन कहती है In all cases in which judgment is given that a person is guilty of one of several offences specified in the judgment, but that it is इसमें डेफिनेशन क्या कह रही है, इसमें यह कहा गया है कि कोई… जजमेंट अर्थात निर्णय कोर्ट के द्वारा अगर दी जाती है जिसमें कोई पर्सन guilty यानि कसूरवार होता है, जिसने अपराध किया है और उसने एक से ज्यादा अपराध किये हैं,
IPC Section 72 Explained in Hindi
लेकिन उस जजमेंट में एक से ज्यादा अपराधों के बारे में बताया गया है, लेकिन उसमें कोर्ट को डाउट है क्लियर नहीं है कि जिस दोषी को सजा सुनाई गई है उसने कौन सा अपराध किया है, यहां पर but that it is doubtful है, पूरी तरह से क्लियर नहीं है, of which of these offences he is guilty, मतलब यह है एक निर्णय दी गई कोर्ट के द्वारा,
जिसमें एक से ज्यादा अपराध के बारे में बताया गया है, दो हो सकते हैं, तीन हो सकते हैं, चार सकते हैं, कितने भी हो सकते हैं, लेकिन उस जजमेंट (निर्णय) में जिसको दोषी माना गया है, उसमें कोर्ट यह क्लियर नहीं कर पा रही है, थोड़ा डाउट है उसको कोर्ट को कि उसने कौन सा ऑफेंस किया है, क्योंकि कई बार ऐसे मामले आ जाते हैं, जहां पर जटिल समस्या बन जाती है और क्लियर नहीं हो पाता कि कौन सा अपराध किया है, कौन सी धारा के अंतर्गत वह अपराध हुआ है,
उदाहरण के तौर पर अगर आप समझे तो धारा 307 है और आईपीसी का सेक्शन 308 है यह काफी मिलते जुलते सेक्शन है तो कई बार यह क्लियर नहीं हो पाता कि यह जो अपराध हुआ है यह आईपीसी के सेक्शन 307 में हुआ है या 308 में हुआ है उसी तरीके से एक और सेक्शन है 302 आईपीसी का सेक्शन जो कि हत्या के लिए है और एक है 304 का सेक्शन है, इसमें पनिशमेंट दी जाती है, Culpable homicide not amounting to murder तो ये जो दोनों सेक्शन है यह काफी मिलते जुलते हैं, कई बार अपराध ऐसा होता है
कि कोर्ट यह क्लियर नहीं कर पाती कि यह मर्डर (हत्या) है या Culpable homicide not amounting to murder (गैर इरादतन हत्या) है तो कई बार हमने देखा है कि जब लोअर कोर्ट में 302 आईपीसी के सेक्शन के अंतर्गत सजा दी जाती है तो जब अपराधी अपील में जाता है, हाई कोर्ट जाता है तो उसको फैसले को चेंज करके 304 कर दिया जाता है हाई कोर्ट के द्वारा यह कहा जाता है कि इसने मर्डर तो मतलब मानवद तो हुआ है, लेकिन यह नॉट अमाउंटिंग टू मर्डर है, कल्पेबल होमिसाइड है, यह मर्डर नहीं है, हत्या नहीं है, क्योंकि इनमें बहुत ही महीन फर्क हो जाता है,
कई केसेस ऐसे होते हैं, यहां पर कोर्ट डिसाइड ही नहीं कर पाती है कि इस पे मर्डर का चार्ज लगेगा या इस पर 304 का चार्ज लगेगा गैर इरादतन हत्या लगेगा या कई बार ऐसा होता है कि 307 लगेगा या 308 लगेगा क्योंकि काफी मिलते जुलते सेक्शन है ये जैसे अब अगले सेक्शंस में आप पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा और भी कई ऐसे सेक्शंस हैं यहां पर कंफ्यूजन हो जाती है कई बार केसेस ऐसे होते हैं परिस्थितियाँ ऐसे होते हैं तो वही इस आईपीसी के सेक्शन 72 में कहा गया है
कि अगर किसी जजमेंट के अंदर एक से ज्यादा अपराध की बात की गई है और उसमें जो जो दोषी है जिसको सजा सुनाई गई है उसमें कोर्ट डाउटफुल है कि दोषी ने कौन सा अपराध किया है तो the offender shall be punished for the offence for which the lowest punishment is provided if the same punishment is not provided for all.” तो इसमें आगे यह कहा गया है कि अगर कोर्ट उस दोषी को लेकर अगर डाउटफुल है तो जो लोएस्ट पनिशमेंट है ना जो lowest punishment है
मतलब तीन अपराध है मान के चलिए या चार अपराध है उस निर्णय में तो जिस ऑफेंस की जिस धारा की सबसे कम सजा है लोवेस्ट पनिशमेंट है कोर्ट उसको वो दे सकती है है क्योंकि कोर्ट को यह क्लियर नहीं है कि उसने कौन सा अपराध किया है तो जिस अपराध के लिए उन अपराधों में से जिस अपराध के लिए सबसे कम सजा है लोवेस्ट पनिशमेंट है कोर्ट उस अपराधी को वह दे सकती है अगर उनकी सजा अलग-अलग है सेम नहीं है
धारा 72 का विवरण – What is IPC Section 72
धारा 72 का विवरण
कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ति के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह है कि वह किस अपराध का दोषी है –
भारतीय दंड संहिता की धारा 72 के अनुसार उन सब मामलों में, जिनमें यह निर्णय दिया जाता है कि कोई व्यक्ति उस निर्णय में विनिर्दिष्ट कई अपराधों में से एक अपराध का दोषी है, किन्तु यह संदेहपूर्ण है कि वह उन अपराधों में से किस अपराध का दोषी है, यदि वही दण्ड सब अपराधों के लिए उपबन्धित नहीं है तो वह अपराधी उस अपराध के लिए दण्डित किया जाएगा, जिसके लिए कम से कम दण्ड उपबन्धित किया गया है ।
IPC Section 72 Definition
According to Section 72 – “Punishment of person guilty of one of several offences, the judgment stating that it is doubtful of which.”–
“In all cases in which judgment is given that a person is guilty of one of several offences specified in the judgment, but that it is doubtful of which of these offences he is guilty, the offender shall be punished for the offence for which the lowest punishment is provided if the same punishment is not provided for all.”
Conclusion
तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आईपीसी धारा 72 क्या है?, IPC Section 72 in Hindi आपको क्लियर हो गया होगा अगर फिर भी आपको कोई कंफ्यूजन रह गई हो या आप कोई और जानकारी चाहते हैं IPC से सम्बंधित तो कृपया आप कमेंट करके बता सकते हैं अगले पोस्ट में हम बात करेंगे आईपीसी के सेक्शन 73 के बारे में तो यह पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइएगा धन्यवाद
Also Read👇