IPC Section 55 in Hindi: नमस्कार दोस्तों- आप सभी का स्वागत है ipc-section.com के इस नए पोस्ट में आज की इस पोस्ट में हम एक ऐसी कानून के बारे में बात करने वाले हैं, जो कि गंभीर किस्म के अपराध करने वाले अपराधी के भाग्य को बदल सकता है. इस कानून को हम भारतीय दण्ड संहिता के धारा 55 के नाम से जानते हैं इस लेख में हम जानेंगे कि आईपीसी धारा 55 क्या है? Section 55 of IPC in Hindi, धारा 55 भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 55, IPC Section 55 Explained in Hindi, धारा 55 का विवरण आदि के बारे में तो चलिए आज के इस लेख कि शुरुवात करते हैं.
Contents
IPC Section 55 in Hindi | आईपीसी धारा 55 क्या है
IPC Section 55 यह कानून आजीवन कारावास की सजा काट रहे अपराधी की सजा को कम कर देता है, पर सजा का कम्युटेशन क्या है और यह कैसे काम करता है और इस लाभ को कौन ले सकता है? आज के इस पोस्ट में हम इसी टॉपिक पर बात करेंगे और इन्हीं सवालों के हल जानेंगे
IPC Section 55 Explained in Hindi
चलिए सबसे पहले समझते हैं इंडियन पीनल कोड सेक्शन 55 की परिभाषा को जो कि डील करती है Commutation of sentence of imprisonment for life यानि आजीवन कारावास के दण्डादेश का लघुकरण जिसका मतलब यह है कि किसी भी मामले में जहां पर कोई व्यक्ति आजीवन कारावास की सजा काट रहा हो या जिसे सजा सुनाई गई हो वहां पर एप्रोप्रिएट गवर्नमेंट यानि उपयुक्त सरकार अपराधी की सहमति के बगैर उसकी सजा को कम कर सकती है
या फिर 14 साल से कम की अवधि की सजा में बदल सकती है, अब यहां पर उपयुक्त सरकार का मतलब है सेंट्रल गवर्नमेंट या फिर स्टेट गवर्नमेंट जो इस बात पर डिपेंड करता है कि क्राइम सेंट्रल गवर्नमेंट या फिर स्टेट गवर्नमेंट के तहत हुआ है.
इस धारा का उद्देश्य सरकार को कुछ मामलों में मानवीय आधार पर, कैदी के अच्छे आचरण के आधार पर, जनहित के लिए आजीवन कारावास की सजा को कम करने या फिर बदलने का अधिकार दिया गया है.
IPC के सेक्शन 55 के कुछ एग्जांपल देखते हैं 2014 में तमिलनाडु गवर्नमेंट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उमर कैद की सजा काट रहे सात दोषियों की सजा को कम करने का फैसला किया हालांकि इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक भी लगा दी थी और यह मामला अभी पेंडिंग है
इसी तरह से 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूरे भारत में अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए गए चार व्यक्तियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था और 2020 में के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 1850 कैदियों की सजा कम कर दी थी और यह कैदी वो थे जिन्होंने आजीवन कारावास के कम से कम 10 साल पूरे कर लिए थे
तो इस तरह से जब भी कभी गवर्नमेंट को किसी व्यक्ति की सजा बहुत कठोर लगती है जैसे वह व्यक्ति बहुत बूढ़ा है या फिर बीमार है या उसका आचरण बहुत अच्छा है तब गवर्नमेंट कह सकती है कि पूरी जिंदगी जेल में रहने के बजाए वो 10 या 12 या फिर 14 साल की सजा ही काटे और गवर्नमेंट उस व्यक्ति से बिना पूछे भी ही ऐसा कर सकती है,
गवर्नमेंट यह तय कर सकती है कि कौन से मामले सजा कम करने के लायक हैं, कौन से नहीं है, तो बेसिकली यह प्रावधान उन व्यक्तियों के लिए है जिन्होंने गंभीर किस्म के अपराध किए हैं, मगर उनमें सुधरने की गुंजाइश होती है.
धारा 55 का विवरण – What is IPC Section 55
धारा 55 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 55 के अनुसार, हर मामले में, जिसमें आजीवन 3[कारावास] का दण्डादेश दिया गया हो, अपराधी की सम्मति के बिना भी 4[समुचित सरकार] उस दण्ड को ऐसी अवधि के लिए, जो चौदह वर्ष से अधिक न हो, दोनों में से किसी भांति के कारावास में लघुकॄत कर सकेगी
IPC Section 55 Definition
According to Section 55 – “In every case in which sentence of imprisonment for life shall have been passed, the appropriate Government may, without the consent of the offender, commute the punishment for imprisonment of either description for a term not exceeding fourteen years.”
Conclusion
तो दोस्तों यह था आईपीसी का सेक्शन 55, उम्मीद करता हु कि इस लेख को पढ़कर आप आईपीसी धारा 55 क्या है?, IPC Section 55 in Hindi को आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे और यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों को भी जरुर शेयर करें धन्यवाद.
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