IPC Section 75 in Hindi | आईपीसी धारा 75 क्या है – धारा 75 का विवरण

IPC Section 75 in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारतीय दण्ड संहिता के धारा 75 के बारे में यानि IPC Section 75 के बारे में यहाँ पर हम जानेंगे कि आईपीसी धारा 75 क्या है? Section 75 of IPC in Hindi, धारा 75 भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 75, IPC Section 75 Explained in Hindi, धारा 75 का विवरण आदि के बारे में तो आइये बिना किसी देरी के आज के इस लेख को शुरू करते हैं..

IPC Section 75 in Hindi
IPC Section 75 in Hindi, धारा 75 का विवरण

IPC Section 75 in Hindi | आईपीसी धारा 75 क्या है

IPC Section 75 तो इंडियन पीनल कोड के इस सेक्शन की सबसे पहले परिभाषा चेक करते हैं उसके बाद एक-एक पॉइंट आपको आसान भाषा से समझाऊंगा मैं तो इसकी डेफिनेशन कहती है Whoever, having been convicted अर्थात जिसको सजा दी गई है by a Court in India, of an offence punishable under Chapter XII or Chapter XVII तो दो चैप्टर्स यानि अध्याय की बात की गई है इसमें अध्याय 12 और अध्याय 17 of this Code with imprisonment of either description for a term of three years or upwards.

(b) shall be guilty of any offence punishable under either of those Chapters with like imprisonment for the like term, shall be subject for आईपीसी के सेक्शन 75 में कहा गया है कि अगर कोई कोई अपराधी जिसको सजा दी जा चुकी है एक बार अगर फिर से वह कोई अपराध करता है तो उसकी सजा जो है, उसकी सजा में वृद्धि कैसे होगी? उसको सजा बढ़ा कर कैसे दी जा सकती है?

IPC Section 75 Explained in Hindi

जैसे अगर किसी ने एक अपराध किया, फिर उसने दोबारा से कोई और अपराध कर दिया तो जिस अपराध को उसने किया है, उसको उतनी सजा मिलेगी दोबारा से करने की या फिर उसको बहुत ज्यादा सजा मिल सकती है, वही इसमें क्लियर किया गया है, सबसे पहले तो आईपीसी का सेक्शन 75 सिर्फ और सिर्फ चैप्टर 12 और चैप्टर 17 में लागू होगा और कहीं पर भी लागू नहीं होगा

चैप्टर 12 में क्या है आईपीसी के अंदर चैप्टर्स के अंदर सेक्शंस है बहुत सारे सेक्शंस होते हैं आईपीसी का जो चैप्टर 12 है वह कहां से स्टार्ट होता है वह स्टार्ट होता है 230 से लेके 263 ए तक यह है चैप्टर 12 तो आईपीसी के सेक्शन 230 से लेकर जितने भी सेक्शन हैं 230 से लेकर 263ए तक वह सारे के सारे कवर होते हैं चैप्टर 12 में

और चैप्टर 17 कहां से स्टार्ट होता है चैप्टर 17 स्टार्ट होता है आईपीसी के सेक्शन 378 से लेकर 462 तक तो जितने भी सेक्शन 378 से लेकर 462 में है, वह सारे के सारे चैप्टर 17 में आती है तो कहने का मतलब यह है कि जितनी भी इन धाराओं के अंदर कोई अपराध होता है, क्योंकि ये चैप्टर 12 में है और ये चैप्टर 17 में है तो चैप्टर 12 या चैप्टर 17 में जितनी भी धाराएं आती हैं अगर उनमें कोई अपराध होता है तो वहां पर आईपीसी का सेक्शन 75 जो है वो लागू होगा, IPC Section 75 Explained in Hindi

चैप्टर 12 या चैप्टर 17 के बाहर की कोई धारा कमिट होती है कोई अफेंस कमिट होता है किसी और धारा में तो आईपीसी का सेक्शन 75 लागू नहीं होगा एक पॉइंट तो यह है इस सेक्शन के अंदर

दूसरा पॉइंट इसमें क्या कहा गया है कि वहीं पर आईपीसी का सेक्शन 75 लागू होगा जहां पर किसी अपराधी को कम से कम 3 साल तक की सजा दी जा सकती है, 3 साल या 3 साल से ज्यादा उन सेक्शंस के अंदर चैप्टर 12 और चैप्टर 17 में भी उन सेक्शंस के अंदर क्योंकि हर सेक्शन में तीन साल या तीन साल से ज्यादा की सजा नहीं है चैप्टर 12 और चैप्टर 17 में तो यह भी वहीं पर लागू होगा यहां पर कोर्ट कम से कम तीन साल या तीन साल से ज्यादा कितनी भी सजा कर सकती है

अगर किसी अपराधी ने कोई अपराध किया जिसकी सजा कोर्ट दे ही दो साल सकता है, दो साल से ज्यादा नहीं दे सकता है, चाहे वह चैप्टर 12 का ही कोई ना सेक्शन कोई सेक्शन हो या चैप्टर 17 का कोई सेक्शन हो तो वहां पर आईपीसी का सेक्शन 75 लागू नहीं होगा तो कहां-कहां पर लागू होगा आयपीसी का सेक्शन 75 एक तो जो चैप्टर 12 और चैप्टर 17 में जो सेक्शन आते हैं

अगर वो अपराध दोबारा से कमेट होता है तो दूसरा जहां पर कोर्ट के पास ये पावर है कि तीन साल या तीन साल से ज्यादा की सजा दी जा सकती है, अब और अच्छे से समझते हैं, आईपीसी का सेक्शन 75 बात करता है कि अगर किसी अपराधी ने एक बार कोई अपराध किया, मान के चलिए, चैप्टर 12 का कोई अपराध कोई सेक्शन का अपराध कमिट कर दिया 230 से लेकर 263ए तक है मान के चलिए उसने आईपीसी के सेक्शन 240 के अंतर्गत कोई अपराध कर दिया

तो 240 आता है चैप्टर 12 में तो उसने दोबारा से किसी चैप्टर 17 या चैप्टर 12 के किसी सेक्शन में अपराध कर दिया चाहे किसी भी चैप्टर में दोबारा से कोई अपराध कर दे तो उसने दो बार कमिट कर दिया कोई अपराध, पहले एक बार किया, फिर दूसरी बार कर दिया तो कहने का मतलब यह है कि उन दोनों अपराधों में जो उसने दोबारा से भी अपराध किया है,

उन दोनों अपराधों में अगर कम से कम तीन साल या तीन साल से ज्यादा की सजा दी जा सकती है वहां आईपीसी का सेक्शन 75 लागू होगा, अगर एक बार किसी अपराधी ने कोई अपराध कमिट किया जिसकी सजा तीन साल है और दूसरी बार उसने कोई अपराध कमिट कर दिया जिसकी सजा ती साल ना होकर एक साल है तो फिर आईपीसी का सेक्शन 75 लागू नहीं होगा दोनों बार जो अपराधी अपराध करेगा दोनों बार ही उन सेक्शंस की जो सजा है

वह कोर्ट के पास यह पावर होनी चाहिए कि कम से कम उसको तीन साल या तीन साल से ज्यादा दी जा सकती है तभी जो है यह रिपीट ऑफेंसेस की बात होती है आईपीसी के सेक्शन 75 में रिपीट ऑफेंसेस की बात होती है तो तभी आईपीसी का सेक्शन 75 लागू हो सकता है तो यह कंडीशंस है इसमें

अब कहने का मतलब यह है कि जब एक बार किसी अपराधी ने कोई ऐसा अपराध कर दिया जिसकी सजा 3 साल है और जो आईपीसी के चैप्टर 12 या चैप्टर 17 का हिस्सा भी है तो वहां पर दोबारा से उसने कोई अपराध कर दिया चाहे वह चैप्टर 12 का है चाहे वह चैप्टर 17 का है और उसकी सजा भी दोबारा से भी उसको जो उसने अपराध किया है उसकी सजा भी 3 साल दी जा सकती है तो यह लागू होगा और उसमें फिर कोर्ट कितनी सजा दे सकती है,

जब एक बार अपराध कर दिया किसी अपराधी ने, दोबारा से फिर से उसने अपराध किया, रिपीट ऑफेंस तो कोर्ट के पास यह पावर है कि उसको जो कारावास है, वह कितनी दे सकती है, वह या तो 10 साल दे सकती है या फिर उसको लाइफ इंप्रजनमेंट मिल सकती है, लाइफ इंप्रजनमेंट मतलब उम्र कैद तो उम्र कैद या फिर 10 साल की सजा इसका क्या मतलब है?

देखिए इसका मतलब यह है कि कोर्ट दोबारा से रिपीट ऑफेंस करने पर या तो उसको उम्र कैद की सजा सुनाएगी लाइफ इम्प्रेजनमेंट देगी या फिर उसको 10 साल तक की सजा देगी ऐसा नहीं है कि कोर्ट कह दे कि इसको उम्र कैद नहीं देते हैं इसको 14 साल की सजा सुना देते हैं या इसको 12 साल की सजा सुना सुना सकते हैं ऐसा नहीं है या तो उसको उमर कैद की सजा सुनाई जा सकती है या फिर उसको 10 साल तक की सजा सुनाई जा सकती है और यह किसको सुनाई जा सकती है ने पहले कोई अपराध किया किसी अपराधी ने उसके बाद उसने दोबारा से कोई अपराध कर दिया,

अब जरूरी नहीं है कि जो अपराध उसने पहले किया, बिल्कुल सेम टू सेम ही वो दोबारा से वह अपराध करेगा तभी रिपीट ओफेंसेस माने जाएंगे और तभी आईपीसी का सेक्शन 75 लागू होगा, ऐसा कुछ भी नहीं है, जैसे पहली बार उसने ऑफेंस किया आईपीसी के सेक्शन 240 में, वो चैप्टर 12 में कवर होगा, दूसरी बार उसने ने कोई और ऑफेंस कर दिया जो चैप्टर 12 का हिस्सा है मान के चलिए 230 के अंतर्गत कोई अपराध कर दिया उसने पहली बार किया उसने 240 के अंतर्गत दूसरी बार कर दिया 230 के अंतर्गत

या चैप्टर 12 या 17 के किसी सेक्शन में कोई अपराध कर दिया 378 आईपीसी के सेक्शन के अंतर्गत कोई अपराध कर दिया उसने या 379 के अंतर्गत तो यह जरूरी नहीं है कि जो दोबारा से कोई रिपीट ऑफेंस करेगा वह सेम टू सेम सेक्शन होना चाहिए चाहे पहली बार उसने कोई और अपराध किया है और दूसरी बार उसने कोई और अपराध किया है और चाहे वह चैप्टर 12 का हिस्सा था चाहे वह चैप्टर 17 का हिस्सा था तो दो अलग-अलग अपराध करने को भी रिपीट ऑफेंसेस माना जाएगा

और वहां पर भी आईपीसी का सेक्शन 75 लागू होगा बशर्ते कि उन दोनों अपराधों में कम से कम तीन साल तक की सजा कोर्ट सुना सकती है अगर तीन साल से कम की सजा है किसी भी अपराध में चाहे पहले वाले अपराध में चाहे फिर सेकंड वाले अपराध में तो फिर आईपीसी का सेक्शन 75 लागू नहीं होगा

तो दोस्तों ये थी जानकारी आईपीसी के सेक्शन 75 के बारे में जो कि रिपीट ऑफेंसेस की बात करता है कि अगर अपराधी ने एक बार अपराध कर दिया तो उसकी सजा तो उसको उसी हिसाब से मिलेगी जो सेक्शन के अकॉर्डिंग मिलनी चाहिए लेकिन अगर उसी अपराधी ने कोई और ऑफेंस कर दिया जिसकी सजा कम से कम तीन साल या तीन साल से ज्यादा है और पहले वाले ऑफेंस की भी सजा तीन साल या तीन साल से ज्यादा थी तो फिर उसको रिपीट ओफेंसेस माना जाएगा और उसमें कोर्ट उसको या तो 10 साल की सजा सुनाएगी या फिर उम्र कैद की सजा सुनाएगी

धारा 75 का विवरण – What is IPC Section 75

धारा 75 का विवरण

पूर्व दोषसिद्धि के पश्चात् अध्याय 12 या अध्याय 17 के अधीन कतिपय अपराधों के लिए वर्धित दण्ड –

भारतीय दंड संहिता की धारा 75 के अनुसार जो कोई व्यक्ति –

(क ) भारत में के किसी न्यायालय द्वारा इस संहिता के अध्याय 12 या अध्याय 17 के अधीन तीन वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय अपराध के लिए दोषसिद्ध हो, उन अध्यायों के तहत किसी अवधि के कारावास से दण्डनीय अपराध का दोषी हो, होने वाले प्रत्येक अपराध के लिए विषय वस्तु हो, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

IPC Section 75 Definition

According to Section 75 – “Enhanced punishment for certain offences under Chapter XII or Chapter XVII after previous conviction”–

Whoever, having been convicted,—

(a) by a Court in India, of an offence punishable under Chapter XII or Chapter XVII of this Code with imprisonment of either description for a term of three years or upwards.

(b) shall be guilty of any offence punishable under either of those Chapters with like imprisonment for the like term, shall be subject for every such subsequent offence to imprisonment for life, or to imprisonment of either description for a term which may extend to ten years.]

IPC Section 75 in Hindi | आईपीसी धारा 75 क्या है – धारा 75 का विवरण

Conclusion

तो दोस्तों आशा करता हूं कि आईपीसी धारा 75 क्या है?, IPC Section 75 in Hindi, धारा 75 का विवरण, IPC Section 75 Explained in Hindi आपको अच्छे से क्लियर हो गया होगा यदि फिर भी कोई कंफ्यूजन रह गई हो तो कृपया कमेंट करके जरूर पूछिएगा और IPC से सम्बंधित कोई और भी जानकारी चाहिए तो भी आप कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं दोस्तों अगले पोस्ट में हम बात करेंगे आईपीसी के सेक्शन 76 के बारे में तो बने रहिये ipc-section.com पोर्टल के साथ शुक्रिया, धन्यवाद.

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