IPC Section 74 in Hindi | आईपीसी धारा 74 क्या है – धारा 74 का विवरण

IPC Section 74 in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारतीय दण्ड संहिता के धारा 74 के बारे में पिछले पोस्ट में हमने IPC Section 73 पढ़ा था उसमें Solitary confinement के बारे में बताया गया था तो धारा 74 भी Solitary confinement के बारे में ही बात की गई है, यहाँ इस पोस्ट में हम जानेंगे कि आईपीसी धारा 74 क्या है? Section 74 of IPC in Hindi, धारा 74 भारतीय दण्ड संहिता, What is IPC Section 74, IPC Section 74 Explained in Hindi, धारा 74 का विवरण आदि के बारे में तो आइये बिना देरी के आज के लेख कि शुरुवात करते हैं.

IPC Section 74 in Hindi
IPC Section 74 in Hindi

IPC Section 74 in Hindi | आईपीसी धारा 74 क्या है

IPC Section 74 पहले इसकी डेफिनेशन चेक करते हैं, उसके बाद आसान भाषा में आपको मैं एक-एक शब्द की जो मीनिंग है वह क्लियर करूंगा आपको

इसकी डेफिनेशन कहती है- In executing a sentence of solitary confinement, such confinement shall in no case exceed fourteen days at a time, with intervals between the periods of solitary confinement of not less duration than such periods: and when the imprisonment awarded shall exceed three months, the solitary confinement shall not exceed seven days in any one month of the whole imprisonment awarded, with intervals between the periods of solitary confinement of not less duration than such periods. देखिए आईपीसी का सेक्शन 73 को अगर आपने उस पोस्ट को पढ़ा है

तो उसमें यह बताया गया है कि Solitary confinement अर्थात एकांत परिरोध क्या होती है एक बार मैं फिर से बता देता हूं सॉलिटरी कंफाइनमेंट का मतलब होता है कि किसी अपराधी को किसी ऐसे सेल में रखना जहां पर उसको किसी और से नहीं मिलने दिया जाता बिल्कुल अकेले रखा जाता है उसको किसी और से बात नहीं करने दी जाती उसको उसको कोई पता नहीं चलता कि दिन है या रात है

एक ऐसे सेल में बंद कर दिया जाता है, सारी दुनिया से उसका रिश्ता नाता खत्म कर दिया जाता है तो बहुत ही खतरनाक तरीके की यह सजा है, क्योंकि इसमें मेंटली बंदा जो है वह डिस्टर्ब हो सकता है, पागल हो सकता है, क्योंकि उसको खुद से ही बात करनी पड़ती है, उसके साथ बात करने वाला कोई इंसान नहीं होता, वह किसी को देख नहीं सकता है तो उसको बोला जाता है सॉलिटरी कंफाइनमेंट, अब इसको और अच्छे से समझने के लिए आपको आईपीसी का सेक्शन 73 की पोस्ट जरूर पढना चाहिए,

IPC Section 74 Explained in Hindi

अब इसमें आगे की बात की गई है कि सॉलिटरी कंफाइनमेंट कैसे दी जा सकती है, इसको हमेशा टुकड़ों में दिया जाता है, इसको एक साथ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि मैंने ऑलरेडी बताया कि इसमें पागल होने का भी खतरा है इंसान का जिसको सॉलिटरी कंफाइनमेंट में रखा जा सकता है, उसको मेंटली डिस्टर्ब हो सकता है वो तो इसमें मैक्सिमम अगर किसी को जेल की सजा है, तीन महीने तक की किसी को जेल की सजा है, टोटल उसकी सजा जो है वह तीन महीने तक है, तीन महीने से ज्यादा नहीं है, उसको मैक्सिमम 14 दिन की यहां पर बात की गई है,

चौदह दिन तक तो मैक्सिमम एक बार में अपराधी को 14 दिन तक सॉलिटेरी कंफाइनमेंट में रखा जा सकता है, 14 दिन से ज्यादा एक बार में किसी भी अपराधी को सॉलिटेरी कंफाइनमेंट में नहीं रखा जा सकता, जब उसकी सजा तीन महीने या तीन महीने से कम है तो उसको मैक्सिमम एक बार में कितना रखा जा सकता है सॉलिटरी कंफाइनमेंट में 14 दिन मतलब किसी को 15 दिन या 16 दिन नहीं रखा जा सकता मैक्सिमम 14 दिन रखा जा सकता है

इससे कम रखा जा सकता है 10 दिन भी रख सकते हैं 8 दिन भी रख सकते हैं वो मर्जी है कोर्ट की अब इसमें एक कंडीशन और है कि जितने दिन उसको सॉलिटरी कंफाइनमेंट में रखा है तो अगली बार जब उसको सॉलिटरी कंफाइनमेंट में रखना है उसके बीच में गैप होना जरूरी है इंटरवल होना जरूरी है यहां पर बात की गई है इंटरवल बिटवीन द पीरियड्स कि जैसे उसको 14 दिन अगर सॉलिटरी कंफाइनमेंट में रखा अपराधी को तो फिर उतना ही इंटरवल देना उसको जरूरी है

14 दिन के बाद उसको इंटरवल देना जरूरी है 14 दिन के लिए उसको सॉलिटरी कंफाइनमेंट में से निकालना पड़ेगा अगर दूसरी बार फिर से उसको सॉलिटरी कंफाइनमेंट में भेजना है तो यह इंटरवल जरूरी है इंटरवल उतना ही देना है जितनी जितने दिन उसको सॉलिटरी कंफाइनमेंट में रखा गया है तो यह ऊपर वाला जो पोर्शन है आपका डेफिनेशन का वो क्लियर हो गया

अब इसके बाद की बात करते हैं the solitary confinement shall not exceed seven days in any one month of the whole imprisonment awarded, with intervals between the periods of solitary confinement of not less duration than such periods. अगर तीन महीने से ज्यादा की सजा है अभी हमने बात की थी 14 दिन की जब तीन महीने तक की किसी को जेल की सजा है अगर तीन महीने से ज्यादा की जेल की सजा है.

मान के चलिए किसी को एक साल की जेल की सजा है या 2 साल की है या 5 साल की है तो उसमें जो सॉलिटेरी कंफाइनमेंट दी जाएगी उसमें सात दिन से ज्यादा एक ही बार में सॉलिटरी कंफाइनमेंट नहीं दे सकते हैं ऊपर क्या बात की थी हमने पहले कि अधिकतम एक बार में 14 दिन की सॉलिटरी कंफाइनमेंट दी जा सकती है

वो कब जब तीन महीने या तीन से कम की सजा है, लेकिन अगर तीन महीने से ज्यादा जेल की सजा किसी अपराधी को मिली है तो उसमें सॉलिटरी कंफाइनमेंट एक ही बार में सात दिन दी जा सकती है, सात दिन से ज्यादा सॉलिटरी कंफाइनमेंट में नहीं रखा जा सकता किसी अपराधी को, उसके बाद इंटरवल देना जरूरी है, कितने दिन का? उतने ही दिन का मतलब सात दिन का,

अगर दोबारा से उसको सॉलिटरी कंफाइनमेंट में रखना है तो टुकड़ों में दी जाती है सॉलिटरी कंफाइनमेंट की सजा और हमेशा यह याद रखिएगा कि अधिकतम किसी भी अपराधी को चाहे उसको 10 साल की सजा है, चाहे उसको 15 साल की सजा है, चाहे उम्र कैद है, उसको मैक्सिमम जो सॉलिटेरी कंफाइनमेंट है किसी भी अपराधी को तीन महीने से ज्यादा नहीं दी जा सकती,

और यह हमेशा उन अपराधों में होती है यहां पर rigorous imprisonment होती है, अगर किसी को सिंपल जेल की सजा मिली है, सिंपल इंप्रिजनमेंट मिला है, वहां पर पर तो यह सजा मिल ही नहीं सकती है, सॉलिटरी कंफाइनमेंट, लेकिन अगर किसी को रिग्र्रेस इंप्रीजनमेंट मिली है, वहां पर सॉलिटरी कंफाइनमेंट मिल सकती है और मैक्सिमम तीन महीने की मिल सकती है और वह टुकड़ों में पोर्शन में बांटी जाएगी वह मैं आपको क्लियर कर चुका हूं

अगर तीन महीने से कम की सजा है तो अधिकतम चौदह दिन एक ही बार में रखा जा सकता है उसके बाद उतना ही इंटरवल होना जरूरी है अगर दोबारा से देनी है किसी को सॉलिटरी कंफाइनमेंट की सजा और अगर तीन महीने से ज्यादा जेल की सजा है किसी भी व्यक्ति को तो उसमें मैक्सिमम जो है एक ही बार में सात दिन तक किसी को सॉलिटेरी कंफाइनमेंट में रखा जा सकता है

उसके बाद 7 दिन का इंटरवल देना बहुत जरूरी है और उसके बाद अगर दोबारा से सॉलिटरी कंफाइनमेंट में रखना है फिर मैक्सिमम सात दिन ही रख सकते हैं सात दिन से ज्यादा एक ही बार में किसी को सॉलिटरी कंफाइनमेंट में नहीं रखा जा सकता और इंटरवल देना जरूरी है तो यह था आईपीसी का सेक्शन 74

धारा 74 का विवरण – What is IPC Section 74

धारा 74 का विवरण

एकांत परिरोध की अवधि

भारतीय दंड संहिता की धारा 74 के अनुसार एकांत परिरोध के दण्डादेश के निष्पादन में ऐसा परिरोध किसी दशा में भी एक बार में चौदह दिन से अधिक न होगा । साथ ही ऐसे एकांत न की कालावधियों के बीच में उन कालावधियों से अन्यून अंतराल होंगे; और जब दिया गया कारावास तीन मास से अधिक हो, तब दिए गए सम्पूर्ण कारावास के किसी एक मास में एकांत परिरोध सात दिन से अधिक न होगा, साथ ही एकांत परिरोध की कालावधियों के बीच में उन्ही कालावधियों से अन्यून अंतराल होंगे

IPC Section 74 Definition

According to Section 74 – “ Limit of solitary confinement ”–

In executing a sentence of solitary confinement, such confinement shall in no case exceed fourteen days at a time, with intervals between the periods of solitary confinement of not less duration than such periods: and when the imprisonment awarded shall exceed three months, the solitary confinement shall not exceed seven days in any one month of the whole imprisonment awarded, with intervals between the periods of solitary confinement of not less duration than such periods.

IPC Section 74 in Hindi | आईपीसी धारा 74 क्या है

Conclusion

तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आईपीसी धारा 74 क्या है?, IPC Section 74 in Hindi आपको क्लियर हो गया होगा यदि कोई कंफ्यूजन रह गई हो तो कृपया कमेंट करके जरूर बताइएगा अगले पोस्ट में हम बात करेंगे आईपीसी के सेक्शन 75 के बारे में और यदि आपको हमारा आज का यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रो के साथ भी जरुर शेयर करें धन्यवाद.

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