भारतीय दंड संहिता क्या है – What is Indian Penal Code in Hindi (IPC Section)

What is Indian Penal Code in Hindi: Hello everyone, welcome to do for example. So आप लोग जानते हैं आज हम किस बारे में बात करने वाले हैं? हम आज बात करने वाले हैं भारतीय दंड संहिता के बारे में. टाइटल पर आपने देखा ही होगा कि आज का आर्टिकल related है indian penal code तो आज हम इसके बारे में बिस्तार से बहुत कुछ जानेंगे. दोस्तों आप अपने आस पास newspaper TV channel और social media में कई सारे अपराधी गतिविधियों के बारे में पढ़ते और सुनते होंगे. जैसे कि rape, हत्या, चोरी, डकैती, cyber crime तो ये सारे अपराधों को करने वाले जो अपराधी हैं.

उनको सजा देने के के लिए उन्हें दंड करने के लिए यानी की उनको पनीश करने के लिए हर देश में अलग अलग कानून होते हैं. तो जैसा की हम अपने प्यारे भारत में रहते हैं. और भारत के नागरिक होने के नाते हमें यहां के कानून के बारे में जानना important भी है और साथ ही हमें इसलिए इसे पढ़ना भी है क्योंकि exam में question भी आते हैं इससे रिलेटेड. परीक्षा में कई सारे sections (धाराएं) पूछे जाते हैं, , specially UPSI हो गया exam इनमें पूछे जाते हैं. कई सारे exam है जिनमें indian penal code के बारे में पुछ लिया जाता है.

तो आइये जानते हैं what is indian penal code in hindi, what is indian penal code in hindi, what is ipc indian penal code, भारतीय दंड संहिता क्या है – Indian Penal Code IPC in Hindi, आईपीसी की कुल कितनी धाराएं हैं?
क्या है भारतीय दंड संहिता ?

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What is Indian Penal Code in Hindi (IPC Section) – भारतीय दंड संहिता क्या है –

Indian Penal Code in Hindi: तो बात आती है IPC की, यानी indian penal code. हिंदी में इसे भारतीय दंड संहिता कहते हैं. तो यह कानून अंग्रेज़ों के समय से ही लागू था. बात है 1833. अठारह सौ तैंतीस में जब chartered act आया. Charter act के बारे में अगर आप पढ़ना चाहते हैं तो आप history पढ़िए. वहां पर आप detail में पढ़ सकते हैं इसको.

तो जब chartered act आया तो उसके बाद 1834 में पहला कानून आयोग बना और पहले कानून आयोग के chairman कौन थे? Chairman के chairman person? वह थे Lord Macaulay. history में आपने लार्ड मैकालेका नाम जरुर सुना होगा बहुत ज़्यादा. तो जब पहला कानून आयोग बना तो उसकी सिफारिशों पर IPC को बनाया गया. अंग्रेज़ी शासन के समय छह October अट्ठारह सौ साठ (1860) में यह कानून पहली बार संसद में pass हुआ और उसके बाद अट्ठारह सौ बासठ में यह पूरी तरह से लागू कर दिया गया. और उस समय यह अंग्रेज़ों के ऊपर भी लागू था.

उसके बाद जब भारत स्वतंत्र हुआ और भारत का विभाजन हुआ, तब स्वतंत्र भारत ने IPC कानून को अपनाया और इसमें कई सारे संशोधन किए. इस समय IPC यानी कि Indian penal code देश का सबसे बड़ा criminal law है और yah देश के सभी नागरिकों पर लागू भी होता है. IPC को लागू इसलिए किया गया ताकि पूरे देश में अपराधों के लिए एक जैसा कानून. एक जैसा आप समझ सकते हैं. एक जैसा से मतलब है कि एक अपराध के लिए अलग अलग सजा नहीं हो सकती.

यानी कि अगर आप चोरी करते हैं. ठीक? एक छोटा सा example लेके चलते हैं अगर आप चोरी करते हैं या चाहे आप कोई पैसे की चोरी कीजिए या किसी सामान की चोरी कर लीजिए या किसी बड़े सामान की चोरी कर लीजिए तो चोरी ही कह लाएगी उसके लिए एक ही सजा होनी चाहिए अलग अलग सजा होनी होगी उसके लिए.

IPC में जो सजा है निर्धारित की गई है उसी के तहत आपको सजा मिलेगी. तो IPC basically यही निर्धारित करता है कि किस अपराध (crime) के लिए के लिए क्या सजा होनी चाहिए और क्या punishment दी जानी चाहिए? तो basically IPC पूरे देश में crimes को ऋण अपराधों को categorize करता है कि किस किस तरह के अपराध होते हैं और उन अपराधों के लिए क्या punishment है? इसको भी निर्धारित करता है

भारतीय दंड संहिता में कितने चैप्टर और सेक्शन हैं – How Many Chapters and Sections are There in the Indian Penal Code?

Indian Penal Code in Hindi – दोस्तों अबतक हमने यह जाना कि IPC Section क्या है तो चलिए जानते हैं कि IPC Section में कितने चैप्टर और सेक्शन होते हैं IPC में कुल तेईस chapter है और लगभग पांच सौ ग्यारह section है. Section जिनको आप धाराएं कहते हैं. उर्दू में इसे दफा भी कहते हैं.

आपने movies वगैरह में सुना होगा कि इस दफा के तहत मुजरिम को ये सजा सुनाई जाती है तो वही. और इन section में अलग अलग अपराधों और उनकी सजा के बारे में describe किया गया है. IPC में समय समय पर बहुत से संशोधन हुए हैं आज भी होते रहते हैं. मैं बता दूँ IPC एक प्रकार का sustaintive law है यानी कि हिंदी में इसे मौलिक कानून कहते है .

  • भारतीय दंड संहिता (IPC) में 511 Section होते हैं
  • भारतीय दंड संहिता (IPC) में 23 Chapter होते हैं

Simply I can say that IPC defines offences and provides punishment for it.

मौलिक कानून (Sustaintive Law) कितने प्रकार के होते हैं ?

Indian Penal Code in Hindi – मौलिक कानून को दो तरीके से समझ सकते हैं. पहला civil law यानी कि जिनको दीवानी मामले कहते हैं. दूसरा है criminal law. इसको फौजदारी मामले कहते हैं. So मैंने simple सी language में मैंने आपको बता दिया है कि IPC actually है क्या?

मौलिक कानून (Sustaintive Law) दो प्रकार के होते हैं
  1. Civil Law. दीवानी मामले
  2. Criminal Law. फौजदारी मामले

Indian Penal Code in Hindi- एक simple way में ये कानून crime के बारे में बताता है और किस crime के लिए क्या punishment होगी और कितना जुर्माना देना होगा. लेकिन अब यहां बात यह आती है कि सजा का जो process है, जो प्रक्रिया है, वह क्या होती है? सजा देने की कहने का मतलब यह है कि किस तरह से decide होगा कि कोई अपराधी है या नहीं है. तो इसके लिए हमें जानना होगा CRPC के बारे में

CRPC क्या है – What is CRPC?

CRPC का मतलब code of criminal procedure और हिंदी में इसे कहते हैं दंड प्रक्रिया संहिता. जैसे कि CRPC भी एक कानून है इस कानून को उन्नीस सौ तिहत्तर (1973) में पारित किया गया और 1974 में इसको लागू किया गया. किसी भी प्रकार का अपराध होने के बाद दो प्रकार की प्रक्रियाएं होती हैं.

जिसे police किसी अपराधी की जांच करने के लिए अपनाती है. पहली प्रक्रिया क्या होती है? पहली प्रक्रिया जिसके साथ अपराध हुआ है उसके संबंध में यानी कि जिसके साथ अपराध किया गया है उसकी जांच कर दी है police और दूसरी प्रक्रिया जिसने अपराध किया है. उसकी जांच करने के लिए दूसरी प्रक्रियाओ के बारे में या इन्हीं process के बारे में CRPC में बताया गया है कि क्या process किया जाएगा इन दोनों प्रक्रियाओ में CRPC में तीन main point हैं. यह कह लीजिए तीन process हैं main जिनके आधार पर अपराधी की जांच होती हैं.

  1. Investigation of Crime
  2. Treating of Suspect
  3. Collecting of Evidence

investigation of crime क्या हुआ है कैसे हुआ है इन सारी बातों का investigation उसके बाद suspect को treat करना यानी कि जो suspect होते हैं कि किस किस पर ऐसा हमें अनुमान है कि कौन crime कर सकता है उसको treat करना, फिर evidence collect करना, evidence collection उसका process करना. तो इन सारी बातों को CRPC कानून में बताया गया है.

तो at last मैं एक example के through बताता हूँ कि जैसे अगर कोई चोरी करता है तो IPC के section 379, उसके तहत तीन साल की सजा पर जुर्माना हो सकता है. यह बात बता दी गई IPC कानून ने.

लेकिन इसके लिए क्या प्रक्रिया होगी? अपराधी कैसे गिरफ्तार होगा? सबूत इकट्ठा करना, ज़मानत कैसे दी जाएगी? Police के क्या कार्य हैं? वकील और magistrate के क्या कार्य हैं? और भी कई सारी बातें यह सब CRPC कानून के under बताया गया है. यहां पर बात आती है कि जो है जमानत कैसे होती है?

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ज़मानती और गैर ज़मानती अपराध क्या होता है

Indian Penal Code in Hindi- दोस्तों दो चीज़ें यहां आती हैं कि कुछ ऐसे crime होते हैं जिनमें ज़मानत होती है. कुछ ऐसे crime होते हैं जो गैर ज़मानती होती है. जिनमें ज़मानत को नहीं मिलती.

गैर ज़मानती अपराध (non bailable offense)

तो बात करते हैं जो गैर जमानती अपराध है. जैसे कि for example, युद्ध छेड़ दिया आपने, अपने ही देश के खिलाफ. या आपने भारतीय जो हमारा पैसा है उसको नकली (fake currency) बनाने लगे it means दूसरा हो गया अगर आप सरकारी जो मोहर होती है उसमें कोई आप जलसाज़ी करते हैं. या किसी दवा में कोई मिलावट करते हैं. अथवा कोई धार्मिक मान्यताओं का आप अपमान करते हैं. तो और भी बहुत सारे ऐसे crime है. जिनमें आपको जमानत नहीं मिलती. यह गैर जमानती अपराध के अंतर्गत आते हैं.

ज़मानती अपराध (bailable offense)

इसी तरह कुछ ऐसे अपराध हैं जिनमें आपको जमानत मिल जाती है जैसे कि अगर आप कोई गलत जानकारी देते हैं, झूठे सबूत बनाते हैं, किसी सरकारी कर्मचारी का अपमान कर देते हैं, आत्महत्या करने का प्रयास करते हैं, कोई आपराधिक धमकी देते हैं या आप धोखाधड़ी करते हैं, तो इन सब चीज़ों में आपको सजा मिल जाती है या आपको जमानत भी मिल जाती है.

आईपीसी की कुल कितनी धाराएं हैं, क्या है भारतीय दंड संहिता

Conclusion

I hope आपको IPC और CRPC अच्छे से समझ आया होगा इन दोनों में अंतर क्या है ये भी आप समझ गए होंगे. अब पढ़ने के लिए important रह गया है बहुत सारी चीज़ें अभी तो ये main जो है बात थी IPC होता क्या है? CRPC क्या होता है? what is indian penal code in hindi, what is indian penal code in hindi, आईपीसी की कुल कितनी धाराएं हैं, क्या है भारतीय दंड संहिता, what is ipc indian penal code, भारतीय दंड संहिता क्या है – Indian Penal Code IPC in Hindi,

मैंने overview दे दिया आपको एक जो mainly अभी पढ़ने का रह गया या जो exam point of view से related है वो है इसके sections या धाराएं. तो कितनी धाराएं हैं? मैंने आपको बता दिया.

और जितनी भी धाराएं अभी तक exam में पूछी जा चुकी हैं, जो भी important हैं, मैं उनको एक अलग अलग आर्टिकल आपको इसी ब्लॉग पर मिलेंगे, आपको सारी चीज़ें कौन कौन सी धारायें होती है इन सारी धाराओं के बारे में भी पढ़ेंगे क्योंकि ये important है exam में आने की पूरी संभावनाएं हो सकती हैं इसके.

तो इसके लिए आपको हर IPC Section अलग अलग पोस्ट में पढ़ेंगे. सारी धाराएं पढ़ेंगे detail में. और वहीं पर discuss करेंगे. So this is it. अगर आपको मेरी यह information अच्छी लगी हो तो please इसे share करिए और like करिए please और मुझे comment में please बताइए कि आपको कैसा लगा? Thank you so much.

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